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स्वस्थ भारत

विषय : स्वस्थ भारत 


समय बदल रहा है ,
बदल रहा है अगर भारत ।
योगदान क्या दे सकते हो, 
वह स्वयं ही पहचानों।

गरीबी, अशिक्षा, आरक्षण और बेरोजगारी,
माना! सबसे बड़ी है बीमारी।
मिलकर करनी होंगी हम सबको,
सभी मोर्चों पर पूरी तैयारी।


मांस , मदिरा, नशे और शारिरिक शोषण,
युवा इन सब की और अधिक आकर्षित हैं।
चाहत की व्याकुलता त्यागकर,
इनकी गिरफ्त में आने से बचना है।

महामारी के इस दौर का  सबक है,
हिफाजत अपनी खुद ही करनी है।
खुद स्वस्थ रहोगे तभी तो,
दूसरों की सेवा करना संभव हैं।

योग ध्यान है एक साधना, 
दिनभर रखे ऊर्जावान ।
योग है विज्ञान तंत्र,
सेहतमंद रहने का अस्त्र।

योग रखे निरोगी काया,
स्वस्थ रहने से नाता जोड़ता ।
दिनचर्या में बने संतुलन,
स्वस्थ जीवन का यह मूलमंत्र।

योग की शक्ति को पहचान लो,
आज से ही जीवन में अपना लो।
हर भारतीय का हो यह सपना, 
रोग मुक्त रहे देश अपना।

राह ताक रहे हो क्या चमत्कार होगा?
अनजान कोई आकर काम हमारा आसां करेगा।
पर्यावरण , शुद्ध जल संरक्षण,
स्वयं हमें अपने हाथों से करना होगा।

विपदाओं को अगर मिलकर सह लेंगे,
खुशियां सदा घर आँगन बरसेंगी।
सेवा भाव हमारा अंतिम उद्देश्य हो,
तभी देशहित में सदैव तत्पर रहेंगे।


स्वरचित रचना 
भगतसिंह, 
द्वारका, नई दिल्ली

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5 Comments

Niraj Pandey

17-Aug-2021 01:31 PM

👌👌

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Swati chourasia

17-Aug-2021 01:11 PM

Very nice

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Adeeba Riyaz

17-Aug-2021 10:43 AM

Achi rachhna hai

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